baglamukhi shabar mantra - An Overview

 

 


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लोग अपने जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से उबरने के लिए बगलामुखी मंत्र का सहारा लेते हैं।

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।

बगलामुखी में गायत्री मंत्र एक मजबूत और पवित्र मंत्र है। नतीजतन, इसके कई फायदे हैं। महाशक्ति की कृपा प्राप्त करना बगलामुखी गायत्री मंत्र के प्रमुख लाभों में से एक है। इसके अलावा, देवी बगलामुखी का गायत्री मंत्र महिलाओं के लिए बेहद मददगार है। वास्तव में, देवी बगलामुखी गर्भवती महिलाओं की रक्षा करती हैं और गायत्री मंत्र को पूर्ण समर्पण के साथ करने पर सहज प्रसव में भी मदद करती है। इसके साथ ही, देवी बगलामुखी श्रद्धालुओं को दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता प्रदान करती है और दुश्मनों तथा प्रतिस्पर्धियों को हराने का साहस भी देती है। वह अपने उपासकों को दुनिया की सभी दुष्ट शक्तियों से बचाती है। इस मंत्र का दिन में कम से कम तीन बार उच्चारण करना चाहिए।

ऋण खत्म करता है और पारिवारिक विकास को बढ़ावा देता है।

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस check here मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

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Also, so that you can get the whole vibe and the ideal Vitality with the Baglamukhi mantras, it must be completed in a proper method. The early morning is the best time for chanting the mantras.

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय।

Following supplying the ‘Bhog’, Allow her sit for quite a while and pray inside your heart. "O Mother, our enemies are tormenting us, bless us and secure us from our enemies and punish them".

ॐ वगलामुख्यै विद्महे स्तम्भिन्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्

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